लेखनी कहानी -24-Jul-2022 तेरी याद
तेरी याद की बदली जब छाती है
रिमझिम सावन साथ ले आती है
भीगने लगता है तपता हुआ मन
ये बेजान जिंदगी थम सी जाती है
वो बीते हुए पल तैरते हैं आंखों में
जलन सी महसूस होती है सांसों में
दिल न जाने कहां से दरक जाता है
तू ही तू दिखाई देती है मेरे ख्वाबों में
बड़ा बेमुरोव्वत होता है दर्द ए जुदाई
छलनी कर जाता है तीर ए बेवफाई
काश, तू भी आ जाती एक बार यहां
बस, आती रहती है तेरी याद हरजाई
श्री हरि
24.7.22
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Gunjan Kamal
24-Jul-2022 09:18 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Madhumita
24-Jul-2022 08:58 PM
बहुत सुंदर
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shweta soni
24-Jul-2022 08:51 PM
Nice 👍
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